April 14, 2013

निकले थे कहाँ जाने के लिये (बहू बेगम – 1967) Nikle the kahan jane ke liye (Bahu Begum – 1967)

निकले थे कहाँ जाने के लिये, पहुंचे है कहाँ मालूम नहीं
अब अपने भटकते क़दमों को, मंजिल का निशान मालूम नहीं |

हमने भी कभी इस गुलशन में, एक ख्वाब--बहारां देखा था
कब फूल झडे,  कब गर्द उड़ी, कब आई खिज़ां मालूम नहीं |

दिल शोला--ग़म से खाक हुआ, या आग लगी अरमानों में
क्या चीज़ जली क्यूं सीने से  उठता है धुआं मालूम नहीं |

बरबाद वफ़ा का अफ़साना हम किससे कहें और कैसे कहें
खामोश हैं लब और दुनिया को अश्कों की ज़ुबां मालूम नहीं |
[Composer: Roshan,  Singer : Asha Bhonsle, Actor : Meena Kumari, Helen,  Producer : Jan Nisar Akhtar,  Director : M.Sadiq ]

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