April 12, 2012

देख के अकेली मोहे बरखा सताए (बाज़ी -1951) Dekh ke akeli mohe barkha sataye (Baazi -1951)

उई देख के अकेली मोहे बरखा सताए
गालों को चूमे कभी चीँटे उड़ाए रे ...
चली न जाए चाल लचकूँ जैसे डाल
साड़ी भीगी चोली भीगी भीगे गोरे गाल

        गोरे गाल गोरे गाल गोरे गोरे गाल
               
साड़ी भीगी चोली भीगी भीगे गोरे गाल
       उई, देख के अकेली मोहे बरखा सताए

लूटे हार श्रृंगार पापी जल की धार
खुली सड़क पे लुट गई लोगों मैं अलबेली नार

       एक अलबेली अलबेली अलबेली
               
खुली सड़क पे लुट गई लोगों मैं अलबेली नार
       उई, देख के अकेली मोहे बरखा सताए
 

पाँव फिसलता जाए तन हिचकोलें खाए
ऐसे में जो हाथ पकड़ ले मन उसका हो जाए

             बस हो जाए हो जाए हो जाए
           
ऐसे में जो हाथ पकड़ ले मन उसका हो जाए
     उई, देख के अकेली मोहे बरखा सताए
 


[Singer : Geeta Dutt;  Composer : S.D.Burman; Producer : Navketan Films; Director : Guru Dutt; Actor : Geeta Bali]




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